छत्तीसगढ़

गौरी शंकर कश्यप के ओजस्वी उद्बोधन से बाबा साहेब की जयंती पर बना भावनात्मक माहौल हर अल्फ़ाज़ पर गूंजती रही तालियाँ

गरियाबंद _बौद्ध समाज द्वारा आयोजित बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती समारोह में जैसे ही जिला पंचायत अध्यक्ष श्री गौरी शंकर कश्यप मंच पर संबोधन देने खड़े हुए समूचा कार्यक्रम स्थल तालियों की गूंज से भर गया बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद जब उन्होंने माइक संभाला तो ऐसा प्रतीत हुआ जैसे हर शब्द लोगों के दिलों को छू रहा हो श्री कश्यप ने जब बाबा साहेब की जीवन यात्रा को बयान करना शुरू किया तो वहाँ उपस्थित हजारों की भीड़ न केवल उन्हें ध्यानपूर्वक सुन रही थी बल्कि हर पंक्ति पर करतल ध्वनि से अपनी भावनाएँ व्यक्त कर रही थी उनका आठ मिनट का उद्बोधन किसी कविता की तरह था जिसमें अंबेडकर के विचार संघर्ष और सपनों को माला की तरह पिरोया गया था उन्होंने कहा “कैसे एक गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार का वह बालक, जिसे स्कूल में बैठने तक नहीं दिया जाता था उस समाज के लिए संविधान का निर्माता बना यह केवल जीवनी नहीं बल्कि युगों तक प्रेरणा देने वाली गाथा है गौरी शंकर कश्यप ने अपने संबोधन में बाबा साहेब के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला उन्होंने कहा एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मा वह बालक जिसे स्कूल में बैठने की इजाजत नहीं थी जिसे समाज ने हर कदम पर अपमानित किया उसने न केवल 36 डिग्रियां हासिल कीं बल्कि भारत के संविधान का निर्माण कर देश के हर वंचित पिछड़े और गरीब के लिए न्याय की मशाल जलाई उनके शब्दों में बाबा साहेब की जीवनी को इस तरह पिरोया गया जैसे वह स्वयं उस दौर को जी रहे हों आठ मिनट तक चले उनके उद्धबोधन उन्होंने बाबा साहेब के संघर्ष उनकी दृष्टि और उनके योगदान को इस तरह बयां किया कि श्रोता मंत्रमुग्ध होकर सुनते रहे हर वाक्य पर तालियां गूंजती रहीं और लोग बाबा साहेब के प्रति अपनी श्रद्धा को और गहरा महसूस करते रहे श्री कश्यप ने प्रेस वार्तालाप पर लोकहित एक्सप्रेस न्यूज़ को बताया कि बाबा साहेब ने न केवल दलित वंचित और पिछड़े वर्ग के लिए संघर्ष किया बल्कि समूचे भारत को न्याय समानता और लोकतंत्र का मजबूत आधार दिया उनका कहना था बाबा साहेब सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि विचारधारा हैं जो हमें यह सिखाती है कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी भी हों अगर मन में लक्ष्य के प्रति समर्पण हो तो कोई भी परिवर्तन असंभव नहीं है गौरी शंकर कश्यप के इस प्रभावशाली और भावनात्मक भाषण के बाद उपस्थितजन देर तक तालियाँ बजाते रहे ऐसा लग रहा था मानो बाबा साहेब की आत्मा को उन्होंने शब्दों के माध्यम से जीवंत कर दिया हो इस अवसर पर उन्होंने डॉ. अंबेडकर के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया और कहा कि आज का दिन केवल श्रद्धांजलि का नहीं बल्कि उनके विचारों को अपने जीवन में उतारने का है हमें एक ऐसे समाज के निर्माण में भागीदार बनना चाहिए जहाँ हर व्यक्ति को बराबरी का हक मिले कार्यक्रम में जिले के अनेक जनप्रतिनिधि सामाजिक कार्यकर्ता बुद्धिजीवी वर्ग विद्यार्थी और आम नागरिक भारी संख्या में उपस्थित रहे। बाबा साहेब की जयंती गरियाबंद जिले में पूरे सम्मान और भक्ति भाव से मनाई गई।

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *