अम्बाला/चंडीगढ़ अशोक शर्मा 01 जनवरी 2025 को हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा प्रदेश के शासकीय गजट में प्रकाशित एक नोटिफिकेशन से प्रदेश की 4 नगर परिषदों– अम्बाला सदर, सिरसा, थानेसर, पटौदी जाटौली मंडी और 21 नगरपालिका समितियों, जहाँ आगामी कुछ सप्ताह में हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आम चुनाव कराए जाने हैं, के अध्यक्ष पदों पर विभिन्न वर्गों– अर्थात अनुसूचित जाति, अनुसूचित जाति (महिला), पिछड़ा वर्ग- ए और बी और इन दोनों वर्गों की महिलाओं और सामान्य महिला के आरक्षण हेतू अथवा उनके ओपन/अनारक्षित होने सम्बन्धी ) हेतु गत माह 26 दिसम्बर 2024 को कराए गए ड्रा आफ् लोट्स से तय हुए उपरोक्त पदों के आरक्षण को अधिसूचित किया गया जिसमें प्रदेश के उर्जा, परिवहन और श्रम विभागों के कैबिनेट मंत्री अनिल विज के गृहक्षेत्र की नगर निकाय अर्थात अम्बाला सदर (अम्बाला कैंट) नगर परिषद के अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति महिला ( एस.सी. वीमेन) के लिए आरक्षित होने का उल्लेख है.
इसी बीच शहर निवासी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट एडवोकेट और म्युनिसिपल कानून के जानकार हेमंत कुमार ( 9416887788) ने बताया कि आज से करीब सवा पांच वर्ष पूर्व 11 सितम्बर 2019 को प्रदेश के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा जारी एक गजट नोटिफिकेशन द्वारा तत्कालीन संयुक्त अम्बाला नगर निगम में से सदर क्षेत्र को बाहर कर उसके लिए अलग अर्थात अम्बाला सदर नगर परिषद स्थापित की गयी थी.
कृपया अपनी खबरें, सूचनाएं या फिर शिकायतें सीधे editorlokhit@gmail.com पर भेजें। इस वेबसाइट पर प्रकाशित लेख लेखकों, ब्लॉगरों और संवाद सूत्रों के निजी विचार हैं। मीडिया के हर पहलू को जनता के दरबार में ला खड़ा करने के लिए यह एक सार्वजनिक मंच है।
हेमंत ने बताया कि हालांकि मार्च, 2010 से पहले भी अम्बाला सदर नगर परिषद हुआ करता थी परन्तु उसके बाद इसे तत्कालीन अम्बाला शहर नगर परिषद के साथ जोड़कर शहर और सदर (कैंट) के लिए स्थापित संयुक्त अम्बाला नगर निगम में शामिल कर दिया गया था. इस प्रकार 11 सितम्बर 2019 को अम्बाला नगर निगम से अलग किये जाने पर अम्बाला सदर नगर परिषद का एक प्रकार से नये सिरे से गठन अर्थात पुनर्गठन हुआ था. हरियाणा म्युनिसिपल (नगरपालिका) कानून, 1973 , जो सभी नगर परिषदों और नगरपालिका समितियों पर लागू होता है, की वर्तमान धारा 12(2) के अनुसार नव गठित (पुनर्गठित भी) नगर परिषद और नगर पालिका के पहले आम चुनाव उन्हें अधिसूचित/घोषित करने के एक वर्ष के भीतर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कराए जाने चाहिए.
अब चूँकि सदर न.प. पुर्नगठित होने के निर्धारित एक वर्ष के भीतर अर्थात 10 सितंबर, 2020 तक, बेशक तत्कालीन कोरोना-वायरस संक्रमण फलस्वरूप व्याप्त परिस्थितियों या अन्य किसी कारण से, इसके पहले आम चुनाव नहीं कराए जा सके, अत: ऐसी परिस्थिति में उपरोक्त 1973 कानून की धारा 12 (2 ) में हरियाणा विधानसभा द्वारा संशोधन करना आवश्यक था ताकि उक्त चुनाव करवाने की मौजूदा एक वर्ष की समय सीमा को आगे बढ़ाया जा सके एवं सदर नगर परिषद का कानूनी अस्तित्व कायम रखा जा सके परन्तु आज तक ऐसा नहीं किया गया. हालांकि वहीं दूसरी ओर हरियाणा में नव गठित नगर निगम के प्रथम आम चुनाव करने के लिए मूल-समयअवधि को 6 महीने से बढाकर साढ़े 5 वर्ष करने के लिए नगर निगम कानून में कुल आठ बार संशोधन किया गया.
बहरहाल, हेमंत ने बताया कि जुलाई, 2021 में और तत्पश्चात मई, 2022 में शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा अंबाला सदर नगर परिषद के अध्यक्ष पद को सामान्य वर्ग अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जाए तो ओपन / अनारक्षित के तौर पर निर्धारित कर अधिसूचित किया गया था. तब विभाग द्वारा प्रदेश में नव गठित नगर परिषदों और नगरपालिका समितियों के अध्यक्ष पद पर विभिन्न वर्गों को आरक्षण प्रदान करने हेतु और पहले से अर्थात पुरानी स्थापित नगर निकाय के अध्यक्ष पद के आरक्षण के लिए अलग अलग ड्रा किया गया था और उक्त दोनों निकाय श्रेणियों के लिए विभाग द्वारा अलग अलग नोटिफिकेशन भी प्रकाशित की गई थी।
जुलाई, 2021 में नव स्थापित कुंडली नगरपालिका समिति के अध्यक्ष पद को अनुसूचित जाति महिला, इस्माइलाबाद नगरपालिका समिति अध्यक्ष पद को पिछड़ा वर्ग महिला, कालका और अंबाला सदर नगर परिषदों के अध्यक्ष पद, बास, सिसई, साढौरा नगरपालिका समितियों के अध्यक्ष पदों को सामान्य एवं इनमें से साढौरा नगरपालिका समिति अध्यक्ष पद को सामान्य महिला के लिए निर्धारित किया गया था। मई, 2022 में कुंडली नगरपालिका अध्यक्ष पद को अनुसूचित जाति महिला, कालका और अंबाला सदर नगर परिषदों के अध्यक्ष पद, सिसई, साढौरा, इस्माइलाबाद नगरपालिका समितियों के अध्यक्ष पदों को सामान्य एवं इनमें से साढौरा और इस्माइलाबाद नगरपालिका समितियों के अध्यक्ष पदों को सामान्य महिला के लिए निर्धारित किया गया था।
जून, 2022 में 18 नगर परिषदों और 28 नगरपालिका समितियों के आम चुनाव के साथ अंबाला सदर नगर परिषद के आम चुनाव नहीं हो पाए थे. वहीँ हिसार जिले में नव-स्थापित बास और सिसई नगरपालिका समितियों को प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022 में हरियाणा नगरपालिका कानून, 1973 की धारा 8 के अंतर्गत समाप्त कर दिया था। कैथल जिले में सीवन नगरपालिका समिति की स्थापना जून,2021 जबकि गुरुग्राम जिले में दो तत्कालीन नगरपालिका समितियों – पटौदी और हैली मंडी को साथ मिलाकर पटौदी-जाटौली मंडी नगर परिषद की स्थापना अगस्त, 2022 में की गई थी।
,एडवोकेट हेमंत का कहना है कि जिस प्रकार जुलाई,2021 और मई,2022 में अम्बाला सदर और शेष नव-गठित नगर निकाय के अध्यक्ष पद पर विभिन्न वर्गों के आरक्षण के लिए शेष अर्थात पहले से स्थापित नगर निकाय से अलग ड्रा किया गया था और दोनों निकाय श्रेणियों की अलग अलग नोटिफिकेशन भी प्रकाशित हुई थी, उसी आधार पर अब भी अम्बाला सदर नगर परिषद और पटौदी-जाटौली मंडी नगर परिषद एवं सीवन नगरपालिका समिति के अध्यक्ष पद पर आरक्षण के निर्धारण हेतू अलग से ड्रा होना चाहिए और तत्पश्चात उक्त तीनो नगर निकाय बारे शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा अलग से नोटिफिकेशन प्रकाशित की जानी चाहिए।
https://www.lokhitexpress.com
“लोकहित एक्सप्रेस” फेसबुक लिंक क्लिक आगे शेयर जरूर करें ताकि सभी समाचार आपके फेसबुक पर आए।
https://www.facebook.com/Lokhitexpress/
“लोकहित एक्सप्रेस” YouTube चैनल सब्सक्राईब करें :-
https://www.youtube.com/lokhitexpress
“लोकहित एक्सप्रेस” समाचार पत्र को अपने सुझाव देने के लिए क्लिक करें :-
https://g.page/r/CTBc6pA5p0bxEAg/review